चित्र: देसी गाय और किसान का अटूट संबंध।
अक्सर लोग पूछते हैं कि "दूध तो दूध है, चाहे देसी गाय का हो या जर्सी का।" लेकिन विज्ञान इसे नहीं मानता। बुंदेलखंड गौ सेवा महातीर्थ आज आपको इसके पीछे का असली विज्ञान बताने जा रहा है।
1. सूर्यकेतु नाड़ी का चमत्कार
भारतीय देसी गाय की पीठ पर जो कूबड़ (Hump) होता है, उसमें 'सूर्यकेतु नाड़ी' पाई जाती है। जब सूर्य की किरणें इस पर पड़ती हैं, तो यह नाड़ी सूर्य की ऊर्जा को अवशोषित कर दूध, गोबर और गोमूत्र में स्वर्ण लवण (Gold Salts) पैदा करती है। इसी कारण देसी गाय का दूध हल्का पीला और अमृत समान होता है। विदेशी गायों में यह कूबड़ नहीं होता।
2. A1 बनाम A2 दूध (A1 vs A2 Milk)
आधुनिक विज्ञान के अनुसार:
इनका दूध A1 होता है, जिसमें BCM-7 नामक तत्व पाया जाता है। शोध बताते हैं कि यह लंबे समय में स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
इनका दूध A2 होता है। यह सुपाच्य होता है, बुद्धि वर्धक है और बच्चों के विकास के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
3. रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity)
आपने देखा होगा कि बुंदेलखंड की भीषण गर्मी में भी हमारी देसी गायें (जैसे केनकथा नस्ल) चरती रहती हैं और बीमार नहीं पड़तीं। वहीं विदेशी गायों को पंखे और AC की जरूरत पड़ती है। देसी गाय का दूध पीने से यही 'इम्यूनिटी' हमारे शरीर में भी आती है।
"देसी गाय केवल एक पशु नहीं, बल्कि एक चलता-फिरता चिकित्सालय है।"