Bundelkhand Gau Seva Mahateerth

“Gau Seva, Gramin Vikas aur Harit Urja ka Gyan Kendra”

Latest Updates

जैविक खेती की शुरुआत: कम लागत और ज्यादा मुनाफा

Organic Farming with Cow

"गाय आधारित खेती ही किसान की असली समृद्धि है।"

बुंदेलखंड का किसान आज महँगी खाद और दवाइयों के कर्ज तले दबा है। इसका एकमात्र समाधान है—जैविक (प्राकृतिक) खेती। यह केवल खेती का तरीका नहीं, बल्कि धरती माँ को जहर से बचाने की एक मुहिम है।

1. जैविक खेती क्यों जरूरी है?

  • 🌱 लागत शून्य (Zero Cost): रासायनिक खेती में यूरिया/DAP का खर्च हजारों में होता है, जबकि जैविक खेती में घर की गाय के गोबर-गौमूत्र से ही खाद बन जाती है।
  • 💧 पानी की बचत: जैविक खाद (ह्यूमस) मिट्टी में नमी सोखने की ताकत बढ़ाती है, जिससे बुंदेलखंड जैसे कम पानी वाले इलाकों में भी फसल लहलहाती है।
  • 🏥 स्वास्थ्य: जहर मुक्त भोजन से परिवार कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से दूर रहता है।

2. शुरुआत कैसे करें? (जीवामृत विधि)

जैविक खेती का सबसे बड़ा हथियार 'जीवामृत' है। इसे बनाने की विधि बहुत सरल है:

सामग्री (1 एकड़ के लिए):

  • 10 किलो देसी गाय का गोबर
  • 10 लीटर गोमूत्र
  • 1 किलो गुड़ (काला/पुराना)
  • 1 किलो बेसन (दाल का आटा)
  • मुट्ठी भर पेड़ के नीचे की मिट्टी

विधि: इन सबको 200 लीटर पानी में मिलाकर 48 घंटे छाँव में रखें। फिर सिंचाई के पानी के साथ खेत में छोड़ दें। यह मिट्टी में करोड़ों मित्र जीवाणु पैदा कर देगा।


"यूरिया छोड़ो, गोमूत्र अपनाओ। धरती बचाओ, देश बचाओ।"

Search This Blog

Powered by Blogger.

Blog Archive

Popular Posts

Pages